*।।चौंसठ योगिनी मंत्र।।
*१. ॐ काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा
*२. ॐ कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा
*३. ॐ कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा
*४. ॐ कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा
*५. ॐ विरोधिनी विलासिनी स्वाहा
*६. ॐ विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा
*७. ॐ उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा
*८. ॐ उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा
*९. ॐ दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा
*१०. ॐ नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा
*११. ॐ घना महा जगदम्बा स्वाहा
*१२. ॐ बलाका काम सेविता स्वाहा
*१३. ॐ मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा
*१४. ॐ मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा
*१५. ॐ मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा
*१६. ॐ महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा
*१७. ॐ कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा
*१८. ॐ भगमालिनी तारिणी स्वाहा
*१९. ॐ नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा
*२०. ॐ भेरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा
*२१. ॐ वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा
*२२. ॐ महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा
*२३. ॐ शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा
*२४. ॐ त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा
*२५. ॐ कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा
*२६. ॐ नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा
*२७. ॐ नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा*
*२८. ॐ विजया देवी वसुदा स्वाहा*
*२९. ॐ सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा*
*३०. ॐ ज्वालामालिनी नागिनी स्वाहा*
*३१. ॐ चित्रा देवी रक्तपुजा स्वाहा*
*३२. ॐ ललिता कन्या शुक्रदा स्वाहा*
*३३. ॐ डाकिनी मदसालिनी स्वाहा*
*३४. ॐ राकिनी पापराशिनी स्वाहा*
*३५. ॐ लाकिनी सर्वतन्त्रेसी स्वाहा*
*३६. ॐ काकिनी नागनार्तिकी स्वाहा*
*३७. ॐ शाकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा*
*३८. ॐ हाकिनी मनोहारिणी स्वाहा*
*३९. ॐ तारा योग रक्ता पूर्णा स्वाहा*
*४०. ॐ षोडशी लतिका देवी स्वाहा*
*४१. ॐ भुवनेश्वरी मंत्रिणी स्वाहा*
*४२. ॐ छिन्नमस्ता योनिवेगा स्वाहा*
*४३. ॐ भैरवी सत्य सुकरिणी स्वाहा*
*४४. ॐ धूमावती कुण्डलिनी स्वाहा*
*४५. ॐ बगलामुखी गुरु मूर्ति स्वाहा*
*४६. ॐ मातंगी कांटा युवती स्वाहा*
*-४७. ॐ कमला शुक्ल संस्थिता स्वाहा*
*४८. ॐ प्रकृति ब्रह्मेन्द्री देवी स्वाहा*
*४९. ॐ गायत्री नित्यचित्रिणी स्वाहा*
*५०. ॐ मोहिनी माता योगिनी स्वाहा*
*५१. ॐ सरस्वती स्वर्गदेवी स्वाहा*
*५२. ॐ अन्नपूर्णी शिवसंगी स्वाहा*
*५३. ॐ नारसिंही वामदेवी स्वाहा*
*५४. ॐ गंगा योनि स्वरूपिणी स्वाहा*
*५५. ॐ अपराजिता समाप्तिदा स्वाहा*
*५६. ॐ चामुंडा परि अंगनाथा स्वाहा*
*५७. ॐ वाराही सत्येकाकिनी स्वाहा*
*५८. ॐ कौमारी क्रिया शक्तिनि स्वाहा*
*५९. ॐ इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्रिणी स्वाहा*
*६०. ॐ ब्रह्माणी आनन्दा मूर्ती स्वाहा*
*६१. ॐ वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा*
*६२. ॐ माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा*
*६३. ॐ लक्ष्मी मनोरमायोनि स्वाहा*
*६४. ॐ दुर्गा सच्चिदानंद स्वाहा*
*प्रत्येक दुर्गाअष्टमी ला या 64 मंत्रांचा उचार करून कुलदेवतेचा 108 वेळा जप करवा आणी कुलदेवताच्या मुर्तीवर किंवा फोटोवर हळद कुंकू वहावे म्हणजे जिवनात कुलदैवताची सहायता लाभते.*
आपल्या सनातन वैदिक धर्मामध्ये हजारो वर्षांपासून देव-देवता, ऋषी- मुनी यांनी लोक कल्याणार्थ बरीच स्तोत्र, मंत्र, श्लोक, वेद-पुराणे, आरत्या, विविध व्रत वैकल्ये, पूजा- विधी इत्यादी लिहून ठेवले आहेत. असे नित्योपयोगी लेखन आम्ही आपल्यासाठी घेऊन आलो आहोत. त्याचा आपल्या आराध्य देवते प्रमाणे नित्यपाठ केल्यास आपल्यास इच्छित फलप्राप्ती होते.
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