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पावन भिक्षा दे रे राम |

पावन भिक्षा दे रे राम | दिनदयाळा दे रे राम ||१||

अभेद भक्ती दे रे राम | आत्मनिवेदन दे रे राम ||२||

सद्विद्या मज दे रे राम | अर्थारोहण दे रे राम ||३||

सज्जन संगती दे रे राम | अलिप्तपण मज दे रे राम ||४||

ब्रह्म अनुभव दे रे राम | अनन्य सेवा दे रे राम ||५||

कोमल वाचा दे रे राम | विमलकरणी दे रे राम ||६||

प्रसंग ओळखी दे रे राम | धूर्त कला मज दे रे राम ||७||

हितकारक मज दे रे राम | जन सुखकारक दे रे राम ||८||

अंतरपारखी दे रे राम | बहुजन मैत्री दे रे राम ||९||

ज्ञान वैभव दे रे राम | उदासिनता दे रे राम ||१०||

मागो नेणे ते दे रे राम | मज न कळे ते दे रे राम ||११||

तुझी आवडी दे रे राम | दास म्हणे ते दे रे राम ||१२||

शब्द मनोहर दे रे राम | सावध पण मज दे रे राम ||१३||

दास म्हणे रे गुणधामा | उत्तम गुण
मज दे रामा ||१४||

पावन भिक्षा दे रे राम | दिन दयाळा दे रे राम ||१५||

श्री स्वामी समर्थ आरती

जयदेव जयदेव श्री स्वामी समर्था आरती ओवाळू चरणी ठेवूनिया माथा !! जयदेव जयदेव..!!   छेली खेडेग्रामी तू अवतरलासी, जगदुध्दारासाठी राया तू फिरसीभ...

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