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|| श्री शिवपन्चाक्षरस्तोत्र ||

श्री शिवपन्चाक्षरस्तोत्र.

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्मान्गरागाय महेश्वराय |
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै ''काराय नमःशिवाय || ||

मन्दाकिनीसलिल्चन्दनचर्चिताय
नन्दीश्वरममथनाथमहेश्वराय |
मन्दारपुष्प्बहुपुष्पसुपूजिताय
तस्मै ''काराय नमःशिवाय || ||

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द
सूर्याय दक्षाद्वरनाशकाय |
श्रीनीलकण्ठाय वृषद्वजाय
तस्मै 'शि'काराय नमःशिवाय || ||

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय |
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय
तस्मै ''काराय नमःशिवाय || ||

यक्षस्वरुपाय जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय |
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै ''काराय नमःशिवाय || ||

पन्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ |
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते || ||

इति श्रीमच्छन्कराचार्यविरचितं शिवपन्चाक्षरस्तोत्रं सम्पुर्णम |

 

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